सब बुझे दीपक जला लूँ!
घिर रहा तम आज दीपक-रागिनी अपनी जगा लूँ!
क्षितिज-कारा तोड़ कर अब
गा उठी उन्मत आँधी,
अब घटाओं में न रुकती
लास-तन्मय तड़ित् बाँधी,
धूलि की इस वीण पर मैं तार हर तृण का मिला लूँ!
भीत तारक मूँदते दृग
भ्रान्त मारुत पथ न पाता
छोड़ उल्का अंक नभ में
ध्वंस आता हरहराता,
उँगलियों की ओट में सुकुमार सब सपने बचा लूँ!
लय बनी मृदु वर्त्तिका
हर स्वर जला बन लौ सजीली,
फैलती आलोक-सी
झंकार मेरी स्नेह गीली,
इस मरण के पर्व को मैं आज दीपावली बना लूँ!
देख कर कोमल व्यथा को
आँसुओं के सजल रथ में,
मोम-सी साधें बिछा दी
थीं इसी अंगार-पथ में
स्वर्ण हैं वे मत हो अब क्षार में उन को सुला लूँ!
अब तरी पतवार ला कर
तुम दिखा मत पार देना,
आज गर्जन में मुझे बस
एक बार पुकार लेना !
ज्वार को तरणी बना मैं; इस प्रलय का पार पा लूँ!
आज दीपक राग गा लूँ !
घिर रहा तम आज दीपक-रागिनी अपनी जगा लूँ!
क्षितिज-कारा तोड़ कर अब
गा उठी उन्मत आँधी,
अब घटाओं में न रुकती
लास-तन्मय तड़ित् बाँधी,
धूलि की इस वीण पर मैं तार हर तृण का मिला लूँ!
भीत तारक मूँदते दृग
भ्रान्त मारुत पथ न पाता
छोड़ उल्का अंक नभ में
ध्वंस आता हरहराता,
उँगलियों की ओट में सुकुमार सब सपने बचा लूँ!
लय बनी मृदु वर्त्तिका
हर स्वर जला बन लौ सजीली,
फैलती आलोक-सी
झंकार मेरी स्नेह गीली,
इस मरण के पर्व को मैं आज दीपावली बना लूँ!
देख कर कोमल व्यथा को
आँसुओं के सजल रथ में,
मोम-सी साधें बिछा दी
थीं इसी अंगार-पथ में
स्वर्ण हैं वे मत हो अब क्षार में उन को सुला लूँ!
अब तरी पतवार ला कर
तुम दिखा मत पार देना,
आज गर्जन में मुझे बस
एक बार पुकार लेना !
ज्वार को तरणी बना मैं; इस प्रलय का पार पा लूँ!
आज दीपक राग गा लूँ !
बहुत सुन्दर रचना है ... दीप पर्व पे इससे बेहतरीन क्या हो सकता है ...
ReplyDeleteबहुत बधाई आपको दीप पर्व की ...
धन्यवाद नासवा जी, आपको व आपके परिवार को दीपावली के पंचदिवसीय उत्सव की हार्दिक शुभकामनाऐं ... #हमारीथाती हैं #महादेवीवर्मा
Deleteआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज सोमवार 28 अक्टूबर 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteधन्यवाद यशोदा जी, आपको व आपके परिवार को दीपावली के पंचदिवसीय उत्सव की हार्दिक शुभकामनाऐं ... #हमारीथाती हैं #महादेवीवर्मा
Deleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (29-10-2019) को "भइया-दोयज पर्व" (चर्चा अंक- 3503) पर भी होगी।
ReplyDelete--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
-- दीपावली के पंच पर्वों की शृंखला में गोवर्धनपूजा की
हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
धन्यवाद शास्त्री जी, आपको व आपके परिवार को दीपावली के पंचदिवसीय उत्सव की हार्दिक शुभकामनाऐं ... #हमारीथाती हैं #महादेवीवर्मा
Deleteबहुत सुन्दर। आज मैंने कुछ नए शब्दों का संग्रह किया।
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