साफ आकाश, साफ दिन साफ घर की खिड़कियां और इस बीच लटकता वह जर्जर तेजी से डोलता घोंसला गौरैया का... तस्वीर है यह उस संघर्ष की जिसमें- रात दिन जी रहे हैं हम बचाकर सांसें,आत्मा,प्रेम और स्वाभिमान भी कितनी कठिनाई से, उस घोंसले वाली गौरैया की भांति - अलकनंदा सिंह