Wednesday, 1 January 2025

चंदू, मैंने सपना देखा, लाए हो तुम नया कलैंडर- नव वर्ष 2025 पर कव‍िवर नागार्जुन की कव‍िता


 आप सभी को नव वर्ष 2025 की हार्द‍िक शुभकामनायें इसीके साथ आज मैं कव‍िवर नागार्जुन की कव‍िता शेयर कर रही हूं- ''चंदू, मैंने सपना देखा, लाए हो तुम नया कलैंडर'' 


चंदू, मैंने सपना देखा, उछल रहे तुम ज्यों हिरनौटा

चंदू, मैंने सपना देखा, अमुआ से हूँ पटना लौटा


चंदू, मैंने सपना देखा, तुम्हें खोजते बद्री बाबू

चंदू, मैंने सपना देखा, खेल-कूद में हो बेक़ाबू


चंदू, मैंने सपना देखा, कल परसों ही छूट रहे हो

चंदू, मैंने सपना देखा, ख़ूब पतंगें लूट रहे हो


चंदू, मैंने सपना देखा, लाए हो तुम नया कलैंडर

चंदू, मैंने सपना देखा, तुम हो बाहर, मैं हूँ बाहर


चंदू, मैंने सपना देखा, अमुआ से पटना आए हो

चंदू, मैंने सपना देखा, मेरे लिए शहद लाए हो


चंदू, मैंने सपना देखा, फैल गया है सुयश तुम्हारा

चंदू, मैंने सपना देखा, तुम्हें जानता भारत सारा


चंदू, मैंने सपना देखा, तुम तो बहुत बड़े डॉक्टर हो

चंदू, मैंने सपना देखा, अपनी ड्यूटी में तत्पर हो


चंदू, मैंने सपना देखा, इम्तिहान में बैठे हो तुम

चंदू, मैंने सपना देखा, पुलिस-यान में बैठे हो तुम


चंदू, मैंने सपना देखा, तुम हो बाहर, मैं हूँ बाहर

चंदू, मैंने सपना देखा, लाए हो तुम नया कलैंडर।

प्रस्तुत‍ि : अलकनंदा स‍िंंह 


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