Sunday 19 January 2014

हम गौरैया..

साफ आकाश, साफ दिन
साफ घर की खिड़कियां
और इस बीच
लटकता वह जर्जर
तेजी से डोलता घोंसला
गौरैया का...
तस्‍वीर है यह उस संघर्ष की
जिसमें-
रात दिन जी रहे हैं हम
बचाकर सांसें,आत्‍मा,प्रेम
और स्‍वाभिमान भी
कितनी कठिनाई से,
उस घोंसले वाली गौरैया की भांति
- अलकनंदा सिंह

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