Wednesday, 13 December 2023

आज व‍िश्व कव‍िताओं में से कुछ अनूद‍ित कव‍ितायें आप भी पढ़ें

 

 नोबल पुरस्कार से सम्मानित बॉब डिलन का मशहूर गीत 'ब्लॉइंग इन द विंड' का हिंदी अनुवाद


कितने रास्ते तय करे आदमी
कि तुम उसे इंसान कह सको?
कितने समन्दर पार करे एक सफ़ेद कबूतर
कि वह रेत पर सो सके ?
हाँ, कितने गोले दागे तोप
कि उनपर हमेशा के लिए पाबन्दी लग जाए?
मेरे दोस्त, इनका जवाब हवा में उड़ रहा है
जवाब हवा में उड़ रहा है।
हाँ, कितने साल क़ायम रहे एक पहाड़
कि उसके पहले समन्दर उसे डुबा न दे?
हाँ, कितने साल ज़िन्दा रह सकते हैं कुछ लोग
कि उसके पहले उन्हें आज़ाद किया जा सके?
हाँ, कितनी बार अपना सिर घुमा सकता है एक आदमी
यह दिखाने कि उसने कुछ देखा ही नहीं?
मेरे दोस्त, इनका जवाब हवा में उड़ रहा है
जवाब हवा में उड़ रहा है।
हाँ, कितनी बार एक आदमी ऊपर की ओर देखे
कि वह आसमान को देख सके?
हाँ, कितने कान हो एक आदमी के
कि वह लोगों की रुलाई को सुन सके?
हाँ, कितनी मौतें होनी होगी कि वह जान सके
कि काफ़ी ज़्यादा लोग मर चुके हैं ?
मेरे दोस्त, इनका जवाब हवा में उड़ रहा है
जवाब हवा में उड़ रहा है।

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : भोला रबारी
......

Pakistani poet of Urdu language

Obaidullah Aleem: 

गुज़रो न इस तरह कि तमाशा नहीं हूँ मैं

गुज़रो न इस तरह कि तमाशा नहीं हूँ मैं
समझो कि अब हूँ और दोबारा नहीं हूँ मैं
इक तब्अ' रंग रंग थी सो नज़्र-ए-गुल हुई
अब ये कि अपने साथ भी रहता नहीं हूँ मैं
तुम ने भी मेरे साथ उठाए हैं दुख बहुत
ख़ुश हूँ कि राह-ए-शौक़ में तन्हा नहीं हूँ मैं
पीछे न भाग वक़्त की ऐ ना-शनास धूप
सायों के दरमियान हूँ साया नहीं हूँ मैं
जो कुछ भी हूँ मैं अपनी ही सूरत में हूँ 'अलीम'
'ग़ालिब' नहीं हूँ 'मीर'-ओ-'यगाना' नहीं हूँ मैं 
.....

Pakistani poet of Urdu language
परवीन शाकिर की नज़्म 'आज की शब तो किसी तौर गुज़र जाएगी'


आज की शब तो किसी तौर गुज़र जाएगी
रात गहरी है मगर चाँद चमकता है अभी
मेरे माथे पे तिरा प्यार दमकता है अभी
मेरी साँसों में तिरा लम्स महकता है अभी
मेरे सीने में तिरा नाम धड़कता है अभी
ज़ीस्त करने को मिरे पास बहुत कुछ है अभी
तेरी आवाज़ का जादू है अभी मेरे लिए
तेरे मल्बूस की ख़ुश्बू है अभी मेरे लिए
तेरी बाँहें तिरा पहलू है अभी मेरे लिए
सब से बढ़ कर मिरी जाँ तू है अभी मेरे लिए
ज़ीस्त करने को मिरे पास बहुत कुछ है अभी
आज की शब तो किसी तौर गुज़र जाएगी!
आज के ब'अद मगर रंग-ए-वफ़ा क्या होगा
इश्क़ हैराँ है सर-ए-शहर-ए-सबा क्या होगा
मेरे क़ातिल तिरा अंदाज़-ए-जफ़ा क्या होगा!
आज की शब तो बहुत कुछ है मगर कल के लिए
एक अंदेशा-ए-बेनाम है और कुछ भी नहीं
देखना ये है कि कल तुझ से मुलाक़ात के ब'अद
रंग-ए-उम्मीद खिलेगा कि बिखर जाएगा
वक़्त पर्वाज़ करेगा कि ठहर जाएगा
जीत हो जाएगी या खेल बिगड़ जाएगा
ख़्वाब का शहर रहेगा कि उजड़ जाएगा

- Legend News

11 comments:

  1. कितनी गोलियाँ दागे इज़राइल कि हमास मिट जाये ? कितने घर उजाड़े रशिया कि यूक्रेन हवा हो जाये?असरदार कविताएँ

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  2. वाह!!!!
    बहुत लाजवाब...
    एक से बढ़कर एक..।

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  3. धन्यवाद रवींद्र जी

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  4. कितने रास्ते तय करे आदमी ..वाह गज़ब कविता है . आपने बहुत उत्कृष्ट कविताएं चुनी है .

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  5. आपका बहुत-बहुत शुक्रिया ! खूबसूरत गीत और नज़्मों ने लाजवाब कर दिया !

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  6. बहुत बहुत सुन्दर

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