पुष्टिमार्गीय संत कुंभनदास द्वारा गाये पद से आज ब्रज में समाजगायन हुआ। आप भी सुनिए....
#राग #कान्हरो_बधाई
"दीपमालिका करन आई
व्रज वधू मन हरनि
कंचन थाल लसत कमलन कर।।१।।
नंद महर घर घरनि
गज मोती न के चौक पूराये
गावत मंगल गीत युवती जन
'आसकरण' प्रभु मोहन नागर
निरख हरख प्रफुल्लित तन मन।।२।।..
दीप मालिका करन आई....
#JustListen #KumbhanDas
जी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार(०६-११-२०२१) को
'शुभ दीपावली'(चर्चा अंक -४२३९) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
धन्यवाद अनीता जी, आपको दीपावली की शुभकामनायें
Deleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 07 नवम्बर 2021 को साझा की गयी है....
ReplyDeleteपाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
धन्यवाद यशोदा जी, स्वास्थ्य कैसा है अब आपका, दीपावली की शुभकामनायें
Deleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteधन्यवाद ओंकार जी,आपको दीपावली की शुभकामनायें
Deleteमधुर गायन
ReplyDeleteधन्यवाद अनीता जी, आपको दीपावली की शुभकामनायें
Deleteबहुत सुंदर पद है।
ReplyDeleteपर यहां से सुनने का कोई लिंक उपलब्ध नहीं हो रहा बस पढ़ा है बहुत सुंदर मोहक।
आपको दीपावली की शुभकामनायें कुसुम जी, पोस्ट में नीचे की ओर यूट्यूब का लिंक दिया है, उस पर क्लिक करें।
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