मेरी अन्य वेबसाइट्स

Saturday 30 August 2014

छूट गये दर्ज़ होने से

हर्फ़ ब हर्फ़ जिंदगी
उतरती गई पन्‍नों पर
और पन्‍नों के कोनों में दर्ज
होती गईं हमारी खुश्‍बुएं
हमारे झगड़े, हमारी मोहब्‍बतें,
हमारा सूनापन, हमारे जज्‍़बात,
हमारा गुस्‍सा, वो सबकुछ
जो हमारे पास था
पन्‍नों में दर्ज़ होता गया, होता रहा लगातार,
और इस दर्ज़ होते सफ़र में
हम ही छूट गये दर्ज़ होने से
- अलकनंदा सिंह

No comments:

Post a Comment