‘पूर्व छायावाद युग’ के कवि रामनरेश त्रिपाठी की आज पुण्यतिथि है। 4 मार्च 1889 को सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश) में जन्मे रामनरेश त्रिपाठी की मृत्यु 16 जनवरी 1962 के दिन हुई थी।
कविता, कहानी, उपन्यास, जीवनी, संस्मरण, बाल साहित्य सभी पर उन्होंने कलम चलाई। अपने 72 वर्ष के जीवन काल में उन्होंने लगभग सौ पुस्तकें लिखीं। ग्राम गीतों का संकलन करने वाले वह हिंदी के प्रथम कवि थे जिसे ‘कविता कौमुदी’ के नाम से जाना जाता है। इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए उन्होंने गांव-गांव जाकर, रात-रात भर घरों के पिछवाड़े बैठकर सोहर और विवाह गीतों को सुना और चुना। वह गांधी के जीवन और कार्यो से अत्यंत प्रभावित थे। उनका कहना था कि मेरे साथ गांधी जी का प्रेम ‘लरिकाई को प्रेम’ है और मेरी पूरी मनोभूमिका को सत्याग्रह युग ने निर्मित किया है। ‘बा और बापू’ उनके द्वारा लिखा गया हिंदी का पहला एकांकी नाटक है।
रामनरेश त्रिपाठी का व्यक्तित्व एवं कृतित्व अत्यन्त प्रेरणादायी था।
भारतीय सेना में सूबेदार के पद पर रहे पिता पंडित रामदत्त त्रिपाठी का रक्त पंडित रामनरेश त्रिपाठी की रगों में धर्मनिष्ठा, कर्तव्यनिष्ठा व राष्ट्रभक्ति की भावना के रूप में बहता था। दृढ़ता, निर्भीकता और आत्मविश्वास के गुण उन्हें अपने परिवार से ही मिले थे।
त्रिपाठी जी एक बहुमुखी प्रतिभा वाले साहित्यकार माने जाते हैं। द्विवेदी युग के सभी प्रमुख प्रवृत्तियाँ उनकी कविताओं में मिलती हैं।
पंडित त्रिपाठी के निधन के बाद आज उनके गृह जनपद सुल्तानपुर जिले में एक मात्र सभागार “पंडित राम नरेश त्रिपाठी सभागार” स्थापित है जो उनकी स्मृतियों को ताजा करता है।
कविता, कहानी, उपन्यास, जीवनी, संस्मरण, बाल साहित्य सभी पर उन्होंने कलम चलाई। अपने 72 वर्ष के जीवन काल में उन्होंने लगभग सौ पुस्तकें लिखीं। ग्राम गीतों का संकलन करने वाले वह हिंदी के प्रथम कवि थे जिसे ‘कविता कौमुदी’ के नाम से जाना जाता है। इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए उन्होंने गांव-गांव जाकर, रात-रात भर घरों के पिछवाड़े बैठकर सोहर और विवाह गीतों को सुना और चुना। वह गांधी के जीवन और कार्यो से अत्यंत प्रभावित थे। उनका कहना था कि मेरे साथ गांधी जी का प्रेम ‘लरिकाई को प्रेम’ है और मेरी पूरी मनोभूमिका को सत्याग्रह युग ने निर्मित किया है। ‘बा और बापू’ उनके द्वारा लिखा गया हिंदी का पहला एकांकी नाटक है।
रामनरेश त्रिपाठी का व्यक्तित्व एवं कृतित्व अत्यन्त प्रेरणादायी था।
भारतीय सेना में सूबेदार के पद पर रहे पिता पंडित रामदत्त त्रिपाठी का रक्त पंडित रामनरेश त्रिपाठी की रगों में धर्मनिष्ठा, कर्तव्यनिष्ठा व राष्ट्रभक्ति की भावना के रूप में बहता था। दृढ़ता, निर्भीकता और आत्मविश्वास के गुण उन्हें अपने परिवार से ही मिले थे।
त्रिपाठी जी एक बहुमुखी प्रतिभा वाले साहित्यकार माने जाते हैं। द्विवेदी युग के सभी प्रमुख प्रवृत्तियाँ उनकी कविताओं में मिलती हैं।
पंडित त्रिपाठी के निधन के बाद आज उनके गृह जनपद सुल्तानपुर जिले में एक मात्र सभागार “पंडित राम नरेश त्रिपाठी सभागार” स्थापित है जो उनकी स्मृतियों को ताजा करता है।
पढ़िए उनकी राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत कविताएं-
मन-मोहिनी प्रकृति की गोद में जो बसा है।
सुख-स्वर्ग-सा जहाँ है वह देश कौन-सा है?
सुख-स्वर्ग-सा जहाँ है वह देश कौन-सा है?
जिसका चरण निरंतर रतनेश धो रहा है।
जिसका मुकुट हिमालय वह देश कौन-सा है?
जिसका मुकुट हिमालय वह देश कौन-सा है?
नदियाँ जहाँ सुधा की धारा बहा रही हैं।
सींचा हुआ सलोना वह देश कौन-सा है?
सींचा हुआ सलोना वह देश कौन-सा है?
जिसके बड़े रसीले फल, कंद, नाज, मेवे।
सब अंग में सजे हैं, वह देश कौन-सा है?
सब अंग में सजे हैं, वह देश कौन-सा है?
जिसमें सुगंध वाले सुंदर प्रसून प्यारे।
दिन रात हँस रहे है वह देश कौन-सा है?
मैदान, गिरि, वनों में हरियालियाँ लहकती।
आनंदमय जहाँ है वह देश कौन-सा है?
दिन रात हँस रहे है वह देश कौन-सा है?
मैदान, गिरि, वनों में हरियालियाँ लहकती।
आनंदमय जहाँ है वह देश कौन-सा है?
जिसकी अनंत धन से धरती भरी पड़ी है।
संसार का शिरोमणि वह देश कौन-सा है?
संसार का शिरोमणि वह देश कौन-सा है?
सब से प्रथम जगत में जो सभ्य था यशस्वी।
जगदीश का दुलारा वह देश कौन-सा है?
जगदीश का दुलारा वह देश कौन-सा है?
पृथ्वी-निवासियों को जिसने प्रथम जगाया।
शिक्षित किया सुधारा वह देश कौन-सा है?
जिसमें हुए अलौकिक तत्वज्ञ ब्रह्मज्ञानी।
गौतम, कपिल, पतंजलि, वह देश कौन-सा है?
शिक्षित किया सुधारा वह देश कौन-सा है?
जिसमें हुए अलौकिक तत्वज्ञ ब्रह्मज्ञानी।
गौतम, कपिल, पतंजलि, वह देश कौन-सा है?
छोड़ा स्वराज तृणवत आदेश से पिता के।
वह राम थे जहाँ पर वह देश कौन-सा है?
वह राम थे जहाँ पर वह देश कौन-सा है?
निस्वार्थ शुद्ध प्रेमी भाई भले जहाँ थे।
लक्ष्मण-भरत सरीखे वह देश कौन-सा है?
लक्ष्मण-भरत सरीखे वह देश कौन-सा है?
देवी पतिव्रता श्री सीता जहाँ हुईं थीं।
माता पिता जगत का वह देश कौन-सा है?
आदर्श नर जहाँ पर थे बालब्रह्मचारी।
हनुमान, भीष्म, शंकर, वह देश कौन-सा है?
माता पिता जगत का वह देश कौन-सा है?
आदर्श नर जहाँ पर थे बालब्रह्मचारी।
हनुमान, भीष्म, शंकर, वह देश कौन-सा है?
विद्वान, वीर, योगी, गुरु राजनीतिकों के।
श्रीकृष्ण थे जहाँ पर वह देश कौन-सा है?
श्रीकृष्ण थे जहाँ पर वह देश कौन-सा है?
विजयी, बली जहाँ के बेजोड़ शूरमा थे।
गुरु द्रोण, भीम, अर्जुन वह देश कौन-सा है?
गुरु द्रोण, भीम, अर्जुन वह देश कौन-सा है?
जिसमें दधीचि दानी हरिचंद कर्ण से थे।
सब लोक का हितैषी वह देश कौन-सा है?
बाल्मीकि, व्यास ऐसे जिसमें महान कवि थे।
श्रीकालिदास वाला वह देश कौन-सा है?
सब लोक का हितैषी वह देश कौन-सा है?
बाल्मीकि, व्यास ऐसे जिसमें महान कवि थे।
श्रीकालिदास वाला वह देश कौन-सा है?
निष्पक्ष न्यायकारी जन जो पढ़े लिखे हैं।
वे सब बता सकेंगे वह देश कौन-सा है?
वे सब बता सकेंगे वह देश कौन-सा है?
छत्तीस कोटि भाई सेवक सपूत जिसके।
भारत सिवाय दूजा वह देश कौन-सा है?
भारत सिवाय दूजा वह देश कौन-सा है?
हिंदी के सुप्रसिद्ध कवि श्री रामनरेश त्रिपाठी जी की पुण्य स्मृति को सादर नमन !
ReplyDeleteधन्यवाद अनीता जी
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